करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Venezuela’s Socio-Economic Collapse: Hyperinflation, Poverty, and Political Repression Amid External Tensions (2025–26 Analysis)
वेनेज़ुएला में सामाजिक-आर्थिक संकट: अतिमहंगाई, गरीबी और राजनीतिक उत्पीड़न के बीच डूबता राष्ट्र सारांश तेल संपन्नता के बावजूद वेनेज़ुएला आज गहरे सामाजिक और आर्थिक अंधकार में डूबा है। 2026 तक महंगाई दर 680% से अधिक पहुँचने का अनुमान है, जबकि 70% परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। राज्य-प्रायोजित उत्पीड़न ने असहमति की आवाज़ों को दबा दिया है। यह विश्लेषण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), यूनिवर्सिडाड कैटोलिका आंद्रेस बेलो (UCAB) और अन्य स्रोतों के नवीनतम आँकड़ों पर आधारित है। यह बताता है कि आर्थिक विनाश, सामाजिक पतन और राजनीतिक निरंकुशता एक-दूसरे को सुदृढ़ कर रहे हैं। पुनर्बहाली के लिए केवल आर्थिक स्थिरीकरण नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक पुनर्संरचना और मानवीय सहयोग आवश्यक है। 1. परिचय: तेल से आतंक तक की यात्रा एक समय जब वेनेज़ुएला लैटिन अमेरिका का सबसे धनी राष्ट्र कहा जाता था, वही देश अब इतिहास के सबसे गंभीर शांतिकालीन आर्थिक संकटों में से एक से गुजर रहा है। 2013 से 2024 के बीच इसका वास्तविक GDP लगभग 75% गिर चुका है (IMF, 2025)। राष्ट्रीय मुद्रा बोलिवार का मूल्य लगभग समाप्त हो ...