इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट, 2025 – भारत की शरणार्थी नीति में नया अध्याय 1 सितंबर 2025 को लागू हुआ इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट, 2025 भारत की आप्रवासन और शरणार्थी नीति में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अधिनियम विदेशी नागरिकों के प्रवेश, ठहरने और निकास को नियंत्रित करने के लिए नए नियम और आदेश लाता है, जो देश की सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी संरक्षित करता है। इसकी सबसे खास बात है तिब्बती शरणार्थियों और पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध, और ईसाई समुदायों) को दी गई छूट। यह कदम भारत की शरणार्थी नीति को न केवल पुनर्परिभाषित करता है, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर एक संतुलित दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत करता है। आइए, सरल और रुचिकर भाषा में इस अधिनियम के महत्व और प्रभाव को समझें। क्या है नया अधिनियम? यह अधिनियम विदेशी नागरिकों के लिए भारत में प्रवेश, रहने और देश छोड़ने की प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित और सख्त करता है। पहले जहां आप्रवासन नियम कुछ हद तक अस्पष्ट या जटिल थे, यह नया कानून स्पष्टता लाता है। यह सुनिश्चि...
महाराष्ट्र सरकार का निर्णय: कार्य घंटे बढ़ाने पर बहस (UPSC GS पेपर 2 एवं 3 के दृष्टिकोण से संपादकीय विश्लेषण) प्रस्तावना हाल ही में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने एक अहम निर्णय लिया है, जिसके तहत निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के अधिकतम कार्य घंटे 9 से बढ़ाकर 10 घंटे प्रतिदिन करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह बदलाव केवल राज्य स्तरीय औद्योगिक नीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़े श्रम अधिकार, सामाजिक सुरक्षा, श्रमिक कल्याण और आर्थिक उत्पादकता जैसे व्यापक मुद्दे भी उठते हैं। UPSC की दृष्टि से यह निर्णय राज्य नीति, श्रम कानून सुधार, श्रम बाजार लचीलापन, तथा सामाजिक न्याय से संबंधित प्रश्नों को समझने का अवसर प्रदान करता है। पृष्ठभूमि: भारत में श्रम कानून और कार्य समय भारतीय श्रम कानून ऐतिहासिक रूप से श्रमिक कल्याण पर आधारित रहे हैं। Factories Act, 1948 और बाद में आए Occupational Safety, Health and Working Conditions Code, 2020 के तहत कार्य समय और कार्य की परिस्थितियों को नियमित किया गया है। सामान्यतः कार्य घंटे 8 घंटे प्रतिदिन और 48 घंटे प्रति सप्ताह तय किए जाते हैं। ...