करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
भारत-अमेरिका परमाणु समझौता और परमाणु ऊर्जा: UPSC GS के संदर्भ में विश्लेषण परिचय भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में परमाणु रिएक्टर निर्माण को लेकर हुई प्रगति ने वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है। यह निर्णय भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते (2008) के दो दशकों बाद आया है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा, तकनीकी प्रगति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नए अवसर खोलता है। इस लेख में UPSC के सामान्य अध्ययन (GS) के विभिन्न पहलुओं से इस विषय का विश्लेषण किया जाएगा। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य भारत में परमाणु ऊर्जा का विकास स्वतंत्रता के बाद से ही शुरू हुआ। 1950 के दशक में होमी भाभा के नेतृत्व में भारत ने अपने परमाणु कार्यक्रम की नींव रखी। हालांकि, 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों के बाद भारत पर कई प्रतिबंध लगाए गए। 2005 में भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी बनी, जिसके फलस्वरूप 2008 में ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौता हुआ। यह समझौता भारत को अंतरराष्ट्रीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) के नियमों से छूट दिलाने में सफल रहा, जिससे भारत को परमाणु ईंधन और तकनीक तक पहुँच मिली। हालिया घटनाक...