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UPSC CSE 2024 Topper: शक्ति दुबे बनीं पहली रैंक होल्डर | जानिए उनकी सफलता की कहानी

संघर्ष से सेवा तक: UPSC 2025 टॉपर शक्ति दुबे की प्रेरणादायक कहानी प्रयागराज की साधारण सी गलियों से निकलकर देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC सिविल सेवा 2024 (परिणाम अप्रैल 2025) में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाली शक्ति दुबे की कहानी किसी प्रेरणादायक उपन्यास से कम नहीं है। बायोकैमिस्ट्री में स्नातक और परास्नातक, शक्ति ने सात साल के अथक परिश्रम, असफलताओं को गले लगाने और अडिग संकल्प के बल पर यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। उनकी कहानी न केवल UPSC अभ्यर्थियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर चल रहा है। आइए, उनके जीवन, संघर्ष, रणनीति और सेवा की भावना को और करीब से जानें। पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि: नींव की मजबूती शक्ति दुबे का जन्म प्रयागराज में एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां शिक्षा, अनुशासन और देशसेवा को सर्वोपरि माना जाता था। उनके पिता एक पुलिस अधिकारी हैं, जिनके जीवन से शक्ति ने बचपन से ही कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति जवाबदेही का पाठ सीखा। माँ का स्नेह और परिवार का अटूट समर्थन उनकी ताकत का आधार बना। शक्ति स्वयं अपनी सफलता का श्रेय अपने ...

Operation Brahma: India’s Humanitarian Mission in Myanmar Earthquake 2025

✅ ऑपरेशन ब्रह्म: भारत का मानवीय राहत अभियान और क्षेत्रीय नेतृत्व की भूमिका 🔹 भूमिका मार्च 2025 में म्यांमार में आए 7.2 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने देश को गहरे मानवीय संकट में डाल दिया। इस आपदा में 2 000 से अधिक लोग मारे गए , हजारों घायल हुए और लाखों लोग बेघर हो गए। बुनियादी ढांचा ध्वस्त हो गया और प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य, जल और चिकित्सा संकट उत्पन्न हो गया। भारत ने इस आपदा के जवाब में ऑपरेशन ब्रह्म (Operation Brahma) नामक एक व्यापक मानवीय राहत अभियान शुरू किया। इसके तहत, भारतीय नौसेना (Indian Navy Relief Mission) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने म्यांमार में राहत और बचाव अभियान चलाया। भारत का यह कदम Neighbourhood First Policy (पड़ोसी प्रथम नीति) का परिचायक था, जिसके माध्यम से भारत ने अपनी क्षेत्रीय नेतृत्व क्षमता (India’s Regional Leadership) और मानवीय संवेदनशीलता का प्रदर्शन किया। 🔹 म्यांमार भूकंप 2025: तबाही का मंजर मार्च 2025 में म्यांमार के सगाइंग क्षेत्र में 7.2 तीव्रता का भूकंप (Myanmar Earthquake 2025) आया, जिसने देश के प्रमुख शहरों और ग्रामीण इल...

मिशन मौसम': भारत के विकास में एक नई दिशा

 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय मौसम विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस पर 'मिशन मौसम' की शुरुआत भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल न केवल मौसम विज्ञान के क्षेत्र में देश को मजबूत बनाएगी, बल्कि इसका व्यापक प्रभाव कृषि, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण जैसे कई क्षेत्रों पर पड़ेगा। मिशन की आवश्यकता क्यों? भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग 60% आबादी खेती पर निर्भर है। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में हो रहे तीव्र बदलाव किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। समय पर और सटीक मौसम पूर्वानुमान की कमी से फसल उत्पादन में नुकसान और आपदाओं में वृद्धि देखी गई है। 'मिशन मौसम' इस कमी को पूरा करने और समाज को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम है। तकनीकी विकास की ओर कदम 'मिशन मौसम' का उद्देश्य आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक अनुसंधान का उपयोग कर मौसम विज्ञान को उन्नत बनाना है। इसमें उपग्रह आधारित डेटा संग्रह, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और मशीन लर्निंग जैसे तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल होगा। यह न केवल पूर्वानुमान को सटीक बनाएगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन पर निगरान...

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