Skip to main content

Posts

Showing posts with the label हेल्थकेयर

MENU👈

Show more

Pahalgam Attack Fallout: How a Pakistani Mother Lost Her Child at the Wagah Border

सत्यकथा: सरहद की एक माँ भारत-पाक सीमा पर माँ-बेटे की जुदाई: एक मर्मस्पर्शी मानवीय संकट अटारी बॉर्डर पर ठंडी हवाएँ चल रही थीं, पर फ़रहीन की आँखों से गर्म आँसुओं की धार थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसके कांपते हाथों में 18 महीने का मासूम बेटा सिकुड़ा हुआ था, जैसे उसे भी पता हो कि कुछ अनहोनी होने वाली है। सिर पर दुपट्टा था, पर चेहरे पर मातृत्व की वेदना ने जैसे सारी दुनिया की नज़रों को थाम रखा था। "उतर जा बेटा... उतर जा," — सास सादिया की आवाज़ रिक्शे के भीतर से आई, लेकिन वह आवाज़ न तो कठोर थी, न ही साधारण। वह टूटे हुए रिश्तों की वह कराह थी जिसे सिर्फ़ एक माँ ही समझ सकती है। रिक्शा भारत की ओर था, पर फ़रहीन को पाकिस्तान जाना था—अपनी जन्मभूमि, पर अब बेगानी सी लगने लगी थी। फ़रहीन, प्रयागराज के इमरान से दो साल पहले ब्याही गई थी। प्यार हुआ, निकाह हुआ और फिर इस प्यार की निशानी—एक नन्हा बेटा हुआ। बेटे का नाम उन्होंने आरिफ़ रखा था, जिसका मतलब होता है—“जानने वाला, पहचानने वाला।” लेकिन आज वो नन्हा आरिफ़ समझ नहीं पा रहा था कि उसकी माँ उसे क्यों छोड़ रही है। "मैं माँ हूँ... कोई अपराधी नही...

Brain Rot : A New Mental Challenge

 ब्रेन रॉट: डिजिटल युग की नई मानसिक चुनौती इस लेख में "ब्रेन रॉट" की समस्या पर विस्तार से चर्चा की गई है, जो डिजिटल युग में अत्यधिक सोशल मीडिया और शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट की लत के कारण हमारी मानसिक क्षमता को प्रभावित कर रही है। लेख में ब्रेन रॉट के लक्षण, कारण, सामाजिक और मानसिक प्रभाव के साथ-साथ इससे बचने के उपाय बताए गए हैं। यदि आप भी अत्यधिक स्क्रीन टाइम और कम ध्यान केंद्रित करने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। ब्रेन रॉट क्या है?? आज का युग डिजिटल क्रांति का युग है। स्मार्टफोन, सोशल मीडिया, और इंटरनेट की आसान उपलब्धता ने हमें सूचनाओं और मनोरंजन के असीमित स्रोतों से जोड़ दिया है। लेकिन इसके नकारात्मक प्रभाव भी स्पष्ट रूप से सामने आ रहे हैं। इन्हीं प्रभावों में से एक है "ब्रेन रॉट" (Brain Rot), जो मुख्य रूप से अत्यधिक डिजिटल उपभोग, विशेष रूप से कम गुणवत्ता वाले कंटेंट की लत, के कारण मानसिक क्षमताओं के कमजोर होने की स्थिति को दर्शाता है। हालांकि यह शब्द अनौपचारिक रूप से सोशल मीडिया और पॉप संस्कृति में प्रचलित हुआ है, लेकिन इसके प्रभा...

Fight Against Obesity: Prime Minister Modi’s Initiative and Our Responsibility

मोटापे के खिलाफ जंग: प्रधानमंत्री मोदी की पहल और हमारी जिम्मेदारी भूमिका मोटापा (Obesity) आज वैश्विक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है, और भारत में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस मुद्दे पर चर्चा की और इसे रोकने के लिए जनभागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मोटापे के खिलाफ एक राष्ट्रीय अभियान की घोषणा की और समाज की प्रतिष्ठित हस्तियों को इस मुहिम से जोड़ने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का उद्देश्य केवल एक स्वास्थ्य अभियान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत को एक स्वस्थ और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह लेख मोटापे के बढ़ते खतरे, इसके दुष्प्रभावों और मोदी सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालेगा। मोटापा: एक गंभीर समस्या मोटापा केवल एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक चुनौती भी बन चुका है। खराब खान-पान, शारीरिक गतिविधियों की कमी ...

WHO Recommends Low-Sodium Salt: A Healthier Choice for a Better Life

  विषय: कम सोडियम वाला नमक: एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम विवरण: यह लेख विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश के आधार पर कम सोडियम वाले नमक (Low Sodium Salt Substitute - LSSS) के महत्व को उजागर करता है। इसमें बताया गया है कि अत्यधिक सोडियम का सेवन कैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। साथ ही, यह भी समझाया गया है कि कम सोडियम वाला नमक, जिसमें पोटैशियम की अधिक मात्रा होती है, किस प्रकार रक्तचाप को नियंत्रित करने, हृदय को स्वस्थ रखने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। इस लेख में कम सोडियम वाले नमक के फायदे, इसके उपयोग के तरीके और इससे होने वाले संभावित लाभों पर विस्तृत चर्चा की गई है। साथ ही, यह भी बताया गया है कि किन लोगों को इस नमक का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। लेख का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ खान-पान की ओर प्रेरित करना है। कम सोडियम वाला नमक: एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम परिचय आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खान-पान की आदतें और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे रही हैं। इ...

Advertisement