करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
तंज़ानिया में चुनावी हिंसा का बढ़ता संकट: लोकतंत्र की डगमगाती बुनियाद परिचय अफ्रीका के पूर्वी तट पर बसा तंज़ानिया, जो कभी स्थिरता और शांतिपूर्ण राजनीतिक संक्रमण का उदाहरण माना जाता था, अब चुनावी हिंसा के तूफ़ान में घिर चुका है। 29 अक्टूबर 2025 को हुए आम चुनाव — जिन्हें देश की लोकतांत्रिक परिपक्वता का प्रतीक कहा जा रहा था — महज़ कुछ घंटों में रक्तरंजित विरोध प्रदर्शनों, सैकड़ों मौतों और सरकारी दमन की छवियों में बदल गए। विपक्ष के अनुसार अब तक 700 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं , जबकि सरकार ने इस पर मौन साध रखा है। दार एस सलाम, अरुशा, डोडोमा और म्वांज़ा जैसे शहरों की सड़कों पर फैले आक्रोश ने यह सवाल फिर से जीवित कर दिया है — क्या अफ्रीका के इस प्रमुख राष्ट्र का लोकतंत्र केवल एक राजनीतिक भ्रम है? ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: स्थिरता का भ्रम 1961 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्र होने के बाद तंज़ानिया ने अफ्रीकी महाद्वीप को स्थिर शासन का एक दुर्लभ उदाहरण दिया था। चामा चा मापिंदुज़ी (CCM) — जो स्वाहिली में “क्रांति की पार्टी” कहलाती है — ने छह दशकों से सत्ता पर क़ब्ज़ा बनाए रखा है। 1992 म...