करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
2025 में भारतीय नागरिकों का डिपोर्टेशन: सऊदी अरब और संयुक्त राज्य अमेरिका - एक तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य भूमिका अंतरराष्ट्रीय प्रवासन भारत की आर्थिक-सामाजिक संरचना का अभिन्न हिस्सा रहा है। खाड़ी देशों से लेकर अमेरिका जैसे विकसित राष्ट्रों तक, लाखों भारतीय नागरिक रोजगार, शिक्षा और बेहतर अवसरों के उद्देश्य से विदेशों में काम करते हैं। लेकिन प्रवासन का एक कठोर पक्ष भी है — डिपोर्टेशन (निष्कासन) , जो प्रायः वीज़ा ओवरस्टे, अवैध रोजगार, दस्तावेज़ी कमी या कानूनी उल्लंघनों के कारण लागू किया जाता है। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा संसद में 18 दिसंबर 2025 को प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 में 81 देशों से 24,600 से अधिक भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया । यह संख्या न केवल वैश्विक स्तर पर प्रवासन-विनियमन की कड़ाई को दर्शाती है, बल्कि अलग-अलग देशों की नीतिगत प्राथमिकताओं की भी झलक दिखाती है। सामान्य धारणा यह रही है कि डिपोर्टेशन के मामले अधिकतर पश्चिमी देशों—विशेषकर अमेरिका—से सामने आते हैं। किंतु 2025 के आंकड़े इस मिथक को तोड़ते हैं। सऊदी अरब ने इस वर्ष 11,000 से अधिक भारतीयों को ड...