करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Right to Live-In Relationships for Young Adults: A Critical Analysis of the Rajasthan High Court Verdict
विवाह योग्य आयु से कम दो वयस्कों के लाइव-इन संबंध का अधिकार: राजस्थान हाईकोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय का आलोचनात्मक विश्लेषण सार राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि दो सहमति देने वाले वयस्क , भले ही वे विवाह योग्य आयु (पुरुष—21 वर्ष, महिला—18 वर्ष) तक न पहुँचे हों, फिर भी लाइव-इन संबंध में रहने का पूर्ण संवैधानिक अधिकार रखते हैं। न्यायमूर्ति अनूप धंड ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता, गरिमा और निजता —जो अनुच्छेद 19(1)(a), 21 और 21-A में निहित हैं—का अभिन्न हिस्सा बताया। कोटा के 18 वर्षीय युवती और 19 वर्षीय युवक द्वारा सुरक्षा माँगते हुए दायर याचिका पर दिया गया यह निर्णय न केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सुदृढ़ करता है बल्कि भारत के सामाजिक-कानूनी ढाँचे में गैर-पारंपरिक संबंधों की मान्यता को भी एक नया आयाम देता है। भूमिका भारत का वैवाहिक कानून लंबे समय तक विवाह संस्था को ही व्यक्तिगत संबंधों की वैधता का आधार मानता आया है। ऐसे माहौल में लाइव-इन संबंध , विशेषकर युवाओं के बीच, अभी भी परिवार और समाज की कठोर निगाहों से घिरे रहते हैं। सामाजिक प्रतिरोध, ...