भारत का एशिया कप 2025 खिताब: UPSC दृष्टिकोण से बहुआयामी विश्लेषण भारत ने कोरिया को 4-1 से हराकर एशिया कप हॉकी 2025 का खिताब अपने नाम किया और साथ ही हॉकी वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई भी कर लिया। यह उपलब्धि केवल एक खेल जीत भर नहीं है, बल्कि भारत की खेल नीति, अंतरराष्ट्रीय छवि, युवाओं की प्रेरणा और सॉफ्ट पावर से जुड़ा हुआ मुद्दा भी है। UPSC की तैयारी के दृष्टिकोण से यह घटना कई स्तरों पर महत्वपूर्ण है। 1. राष्ट्रीय खेल नीति और खेल अवसंरचना भारत की इस जीत को खेलो इंडिया योजना और हॉकी के लिए किए गए निवेश का परिणाम माना जा सकता है। बेहतर ट्रेनिंग सुविधाएँ, विदेशी कोचिंग और फिटनेस पर ध्यान देने से टीम की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ी है। UPSC GS पेपर 2 और 3 के लिए यह दर्शाता है कि खेल नीति केवल पदक जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सामाजिक एकता का भी साधन है। 2. युवा सशक्तिकरण और सामाजिक प्रभाव यह जीत ग्रामीण और छोटे शहरों से आने वाले युवाओं को प्रेरित करेगी। खेल के जरिए रोज़गार, पहचान और सामाजिक गतिशीलता संभव है। UPSC निबंध और GS पेपर 1 (समाज) में यह उदाहरण दिया...
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA): 20 साल का सफर और सियासी घमासान परिचय: एक योजना जो बनी ग्रामीण भारत की धड़कन 2005 में जब भारत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की शुरुआत हुई, तो यह ग्रामीण भारत के लिए एक क्रांतिकारी कदम था। गाँवों में बेरोजगारी और गरीबी से जूझ रहे परिवारों को न सिर्फ रोजगार का हक मिला, बल्कि एक उम्मीद की किरण भी दिखी। 2025 में इस योजना ने अपनी 20वीं सालगिरह मनाई, लेकिन इस मौके पर खुशी के साथ-साथ सियासी तू-तू मैं-मैं भी जोरों पर है। कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर इस योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया है, तो सरकार का दावा है कि उसने इसे और मजबूत किया है। आइए, इस योजना की कहानी, इसकी उपलब्धियों और विवादों को सरल और रुचिकर अंदाज में समझते हैं। MGNREGA की कहानी: एक नजर में शुरुआत : 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में शुरू हुई यह योजना ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने का वादा लेकर आई थी। इसका मकसद था हर ग्रामीण परिवार को साल में कम से कम 100 दिन का रो...