करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
China’s Expanding Nuclear Arsenal: Modernization, Strategic Ambitions and Global Security Implications
चीन की परमाणु हथियार योजना: विस्तार, आधुनिकीकरण और वैश्विक निहितार्थ (भारत-केंद्रित विश्लेषण) प्रस्तावना इक्कीसवीं सदी का अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था-विमर्श पारंपरिक सैन्य शक्ति से आगे बढ़कर परमाणु, साइबर और अंतरिक्ष क्षमताओं पर केंद्रित हो चुका है। इस संदर्भ में चीन की तेज़ी से बढ़ती परमाणु क्षमता वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य के सबसे निर्णायक परिवर्तनों में से एक है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, चीन के पास लगभग 600 परमाणु हथियार हैं—जो संख्या अमेरिका और रूस से कम है—परंतु वृद्धि की गति इसे वैश्विक शक्ति-संतुलन हेतु एक मुख्य चुनौती बनाती है। चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित किसी भी "त्रिपक्षीय हथियार नियंत्रण समझौते" में शामिल होने से इनकार किया है। इससे स्पष्ट है कि बीजिंग अपनी परमाणु रणनीति को अमेरिकी दबाव से अलग रखकर स्वयं की विशिष्ट भू-राजनीतिक आकांक्षाओं के अनुरूप आकार दे रहा है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: ‘न्यूनतम प्रतिरोध’ से ‘सक्रिय प्रतिरोध’ तक चीन ने 1964 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया और इसके बाद दशकों तक उसने न्...