करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Catherine Connolly Elected Ireland’s President: A Turning Point in Irish Politics and Global Solidarity
कैथरीन कॉनॉली की आयरलैंड की राष्ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक जीत: जन असंतोष, नैतिक राजनीति और वैश्विक चेतना का संगम भूमिका 25 अक्टूबर 2025 को आयरलैंड की जनता ने एक ऐसा निर्णय लिया जिसने न केवल देश की राजनीति बल्कि वैश्विक जनमत की दिशा को भी प्रभावित किया। कैथरीन कॉनॉली , एक स्वतंत्र वामपंथी सांसद, ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में अप्रत्याशित किंतु भारी जीत दर्ज कर आयरलैंड की राजनीति में नया अध्याय जोड़ा। यह केवल एक चुनावी परिणाम नहीं था, बल्कि सत्ता के पारंपरिक ढाँचों और पश्चिमी नीतिगत संरेखण के प्रति जन-चेतना के पुनरुत्थान का प्रतीक भी था। कॉनॉली की यह जीत ऐसे समय में आई जब देश में आर्थिक असमानता , बढ़ते किराए , और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों पर नैतिक रुख जैसे प्रश्न आम नागरिकों की प्राथमिकता बन चुके थे। उनकी यह जीत स्पष्ट संदेश देती है — जनता अब केवल औपचारिक राजनीति नहीं, बल्कि नैतिकता और न्याय पर आधारित नेतृत्व चाहती है। संदर्भ और अभियान की रूपरेखा 68 वर्षीय कैथरीन कॉनॉली, गॉलवे की पूर्व सांसद, ने एक जनसरोकार-आधारित और सैद्धांतिक अभियान चलाया। उनका नारा था — “ Equality at Home, Human...