संघर्ष से सेवा तक: UPSC 2025 टॉपर शक्ति दुबे की प्रेरणादायक कहानी प्रयागराज की साधारण सी गलियों से निकलकर देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC सिविल सेवा 2024 (परिणाम अप्रैल 2025) में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाली शक्ति दुबे की कहानी किसी प्रेरणादायक उपन्यास से कम नहीं है। बायोकैमिस्ट्री में स्नातक और परास्नातक, शक्ति ने सात साल के अथक परिश्रम, असफलताओं को गले लगाने और अडिग संकल्प के बल पर यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। उनकी कहानी न केवल UPSC अभ्यर्थियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर चल रहा है। आइए, उनके जीवन, संघर्ष, रणनीति और सेवा की भावना को और करीब से जानें। पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि: नींव की मजबूती शक्ति दुबे का जन्म प्रयागराज में एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां शिक्षा, अनुशासन और देशसेवा को सर्वोपरि माना जाता था। उनके पिता एक पुलिस अधिकारी हैं, जिनके जीवन से शक्ति ने बचपन से ही कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति जवाबदेही का पाठ सीखा। माँ का स्नेह और परिवार का अटूट समर्थन उनकी ताकत का आधार बना। शक्ति स्वयं अपनी सफलता का श्रेय अपने ...
इस लेख में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नए चेयरमैन तुहिन कांत पांडे की नियुक्ति, उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें SEBI के कार्य, संरचना, उद्देश्यों और भारतीय शेयर बाजार में इसकी भूमिका को समझाया गया है। साथ ही, SEBI द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों, चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों पर भी चर्चा की गई है। यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं और सामान्य ज्ञान के लिए उपयोगी है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और नए अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे परिचय भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) भारत में पूंजी बाजार का प्रमुख नियामक निकाय है। इसकी स्थापना 1988 में हुई थी, और 1992 में इसे एक संवैधानिक दर्जा दिया गया। इसका मुख्य कार्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना और भारतीय शेयर बाजार को सुचारू रूप से संचालित करना है। हाल ही में, तुहिन कांत पांडे को SEBI का 11वां चेयरमैन नियुक्त किया गया है। SEBI का परिचय और महत्व 1. SEBI की स्थापना एवं उद्देश्य SEBI (Securities and Exchange Board of India) की स्थापना 1988 में सरकार द्वारा की गई थी, लेकिन 1992 में इसे अध...