करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
दक्षिण अफ़्रीका G20 शिखर सम्मेलन, अमेरिका की अनुपस्थिति और जलवायु घोषणापत्र: एक व्यापक विश्लेषण दक्षिण अफ़्रीका में 22-23 नवंबर 2025 को संपन्न G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन वैश्विक जलवायु शासन और बहुपक्षीय सहयोग में एक निर्णायक मोड़ सिद्ध हुआ। इस सम्मेलन में पारित जलवायु घोषणापत्र न केवल अपने महत्वाकांक्षी प्रावधानों के कारण ऐतिहासिक है, बल्कि इसलिए भी कि इसे संयुक्त राज्य अमेरिका की भागीदारी, समर्थन या सहमति के बिना अपनाया गया। अमेरिकी प्रशासन ने इस कदम को “शर्मनाक” कहकर खारिज किया, जबकि दक्षिण अफ़्रीका ने स्पष्ट कर दिया कि घोषणापत्र की भाषा पर किसी प्रकार की पुनर्विचार प्रक्रिया संभव नहीं है। यह स्थिति ट्रम्प प्रशासन के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका की जलवायु कूटनीति से पीछे हटने की प्रवृत्ति को उजागर करती है और यह भी संकेत देती है कि वैश्विक शक्ति-संतुलन अब नए भू-राजनीतिक ढांचे की ओर बढ़ रहा है। 1. घोषणापत्र की प्रमुख विशेषताएँ दक्षिण अफ़्रीका G20 घोषणापत्र को जलवायु कार्रवाई की दृष्टि से अभूतपूर्व माना जा रहा है। इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं: • जलवायु संकट को अस्तित्वगत खतरा घोषित करना...