करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
Return of the G-2 Power Axis: How the U.S.–China Rapprochement Could Marginalize India Geopolitically
जी–2 द्वंद्वाधिकार की वापसी: अमेरिका–चीन निकटता भारत को भू–राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेल सकती है परिचय विश्व राजनीति में कभी–कभी इतिहास स्वयं को दोहराता है, बस परिस्थितियाँ और चेहरे बदल जाते हैं। अक्टूबर 2025 में दक्षिण कोरिया के बुसान में आयोजित एशिया–प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अप्रत्याशित ‘सद्भावनापूर्ण’ बैठक ने उसी ऐतिहासिक पुनरावृत्ति का संकेत दिया। ट्रम्प द्वारा चीन को “कार्यात्मक समान” (Functional Equal) बताना केवल शब्दों का चयन नहीं था—यह वैश्विक शक्ति–संतुलन में एक संरचनात्मक मोड़ था। एक दशक तक चले शीत–संघर्ष जैसे अमेरिकी–चीनी तनावों के बाद, इस “जी–2” (G–2) अवधारणा की वापसी ने वैश्विक भू–राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। यह प्रश्न अब और अधिक प्रासंगिक हो गया है—क्या यह द्विपक्षीय निकटता विश्व में शक्ति–वितरण को पुनः दो ध्रुवों में बाँट देगी? और यदि ऐसा होता है, तो भारत जैसी ‘मध्यम शक्ति’ (Middle Power) के लिए इसका अर्थ क्या होगा? जी–2 की अवधारणा: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि “जी–2” का विचार नया न...