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Cracking UPSC Mains Through Current Affairs Analysis

करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि  करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है —  “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...

Gandhi’s Decision to Choose Nehru as Prime Minister – A Historical Defense

नेहरू के प्रधानमंत्री चयन पर गाँधी जी का निर्णय: एक विवेचनात्मक लेख स्वतंत्रता संग्राम की अंतिम घड़ी में, 1946–47 का समय भारतीय राजनीति के लिए निर्णायक मोड़ लेकर आया। कांग्रेस पार्टी के भीतर प्रधानमंत्री पद को लेकर जब असमंजस की स्थिति बनी, तब महात्मा गाँधी ने जवाहरलाल नेहरू को इस जिम्मेदारी के लिए चुना। इस निर्णय पर वर्षों से प्रश्न उठते रहे हैं—क्या यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी थी? क्या सरदार पटेल को दरकिनार कर दिया गया? इन प्रश्नों पर समकालीन इतिहासकारों और विचारकों ने गंभीर विश्लेषण प्रस्तुत किए हैं। इन श्रोतों के आधार पर यह तर्क स्थापित किया जा सकता है कि गाँधी जी का निर्णय केवल किसी व्यक्ति-विशेष की पसंद नहीं था, बल्कि स्वतंत्र भारत के निर्माण की दिशा में दूरदर्शी कदम था। नेहरू और अंतरराष्ट्रीय दृष्टि की आवश्यकता राजनीतिक वैज्ञानिक रजनी कोठारी ने अपनी कृतियों में बार-बार यह रेखांकित किया है कि स्वतंत्र भारत को एक ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता थी, जो केवल देश के भीतर ही नहीं, बल्कि विश्व मंच पर भी भारत की आधुनिक छवि प्रस्तुत कर सके। नेहरू पश्चिमी शिक्षा से दीक्षित, अंतरराष्ट्रीय ...

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