China's Maritime Power Projection in East Asian Waters: An Analysis of the 2025 Deployment
Abstract
दिसंबर 2025 में चीन ने पूर्वी एशियाई समुद्री क्षेत्रों में अपने अब तक के सबसे व्यापक नौसैनिक अभियान को अंजाम दिया, जिसमें 100 से अधिक नौसेना और कोस्ट गार्ड पोत शामिल थे। यह घटना, जिसे पहले रॉयटर्स ने रिपोर्ट किया, क्षेत्र में शक्ति-संतुलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देती है। यह शोध-पत्र इस तैनाती के पैमाने, उद्देश्यों और संभावित सुरक्षा प्रभावों का विश्लेषण करता है। अध्ययन यह तर्क प्रस्तुत करता है कि यद्यपि इसे “नियमित प्रशिक्षण” के रूप में प्रस्तुत किया गया, लेकिन यह तैनाती चीन की ग्रे-ज़ोन रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पारंपरिक सैन्य प्रदर्शन को कूटनीतिक दबाव के साथ मिश्रित कर बिना प्रत्यक्ष युद्ध में प्रवेश किए प्रभुत्व स्थापित करने का प्रयास किया जाता है।
Introduction
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र 21वीं सदी में सामरिक प्रतिस्पर्धा का केंद्र बन चुका है। समुद्री क्षेत्रों पर नियंत्रण न केवल व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि यह महाशक्तियों के भू-राजनीतिक प्रभाव का भी मापक है। पिछले एक दशक में चीन की People's Liberation Army Navy (PLAN) एक तटीय रक्षा बल से पूर्ण विकसित ‘ब्लू-वॉटर नेवी’ में परिवर्तित हुई है। दिसंबर 2025 का बहु-क्षेत्रीय समुद्री अभियान—जो येलो सी से दक्षिण चीन सागर तथा पश्चिमी प्रशांत तक फैला—चीन की शक्ति-प्रक्षेपण (power projection) क्षमता में एक निर्णायक छलांग का प्रतिनिधित्व करता है।
ताइवानी सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक त्साई मिंग-येन के अनुसार, “हमें संभावित खतरों का व्यापक मूल्यांकन करते हुए हर गतिविधि की बारीकी से निगरानी करनी होगी।” यह टिप्पणी चीन की बढ़ती सैन्य सक्रियता के अंतर्निहित संदेशों की ओर संकेत करती है। इस संदर्भ में यह पेपर यथार्थवाद (realism), विशेषकर हमलावर यथार्थवाद (offensive realism), और हाइब्रिड वारफ़ेयर सिद्धांतों के आधार पर इस तैनाती की विवेचना करता है।
Background: Changing Strategic Dynamics in East Asia
पूर्वी एशिया में समुद्री विवादों की जड़ें द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की अस्पष्ट सीमाओं और प्रतिस्पर्धी दावों में निहित हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन की 'नाइन-डैश लाइन' नीति तथा ताइवान के साथ पुनर्एकीकरण पर जोर ने क्षेत्र को और अस्थिर बनाया है। PLAN के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया—2017 में शी जिनपिंग द्वारा 2050 तक "विश्व स्तरीय नौसेना" के लक्ष्य की घोषणा के बाद—काफी तेज हुई।
इतिहास में कई घटनाएँ इस तैनाती की पृष्ठभूमि समझने में सहायक हैं—1996 का ताइवान स्ट्रेट संकट, 2022 में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की यात्रा के जवाब में चीनी अभ्यास, और जापान–अमेरिका सुरक्षा संधि के तहत संभावित सामूहिक रक्षा के संकेत। नवंबर 2025 में जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची का यह बयान कि "ताइवान पर चीनी आक्रमण जापान की सामूहिक रक्षा जिम्मेदारी को सक्रिय कर सकता है", क्षेत्रीय गणित को बदल गया। उसी समय ताइवान के 40 अरब डॉलर के रक्षा बजट ने चीन की संवेदनशीलता को और बढ़ाया।
इन राजनीतिक-सैन्य घटनाक्रमों के तुरंत बाद चीन का व्यापक नौसैनिक अभियान आरंभ हुआ, जिसे कई विशेषज्ञ क्षेत्रीय शक्ति-संतुलन के विरुद्ध एक "संदेश" मानते हैं।
The Deployment: Scale, Structure, and Operational Dynamics
तैनाती की शुरुआत नवंबर 2025 के अंत में हुई। चार प्रमुख नौसैनिक समूहों ने पश्चिमी प्रशांत के विभिन्न हिस्सों में गतिविधियाँ संचालित कीं। इसमें शामिल थे:
- नकली लक्ष्यों पर हमलों के अभ्यास
- एक्सेस-डिनायल (A2/AD) से जुड़े अभ्यास
- वायु–समुद्र संयुक्त अभियान
- कोस्ट गार्ड के साथ संयुक्त गश्त
4 दिसंबर 2025 तक कुल जहाजों की संख्या 90 से अधिक थी—हालांकि चरम बिंदु पर 100 से ऊपर पहुँच चुकी थी। यह 2024 की समान अवधि से कहीं बड़ा अभियान था, जिसने उस समय ताइवान की रेड अलर्ट स्थिति को सक्रिय कर दिया था।
इस अभियान की विशेषताएँ:
-
अघोषित (Unannounced) प्रकृति:
चीन ने इसे किसी औपचारिक नाम या वार्षिक अभ्यास के रूप में घोषित नहीं किया। -
बहु-क्षेत्रीय कवरेज:
येलो सी, पूर्वी चीन सागर, दक्षिण चीन सागर और प्रशांत के मध्यवर्ती मार्गों में एक साथ सक्रियता। -
हाइब्रिड बल का उपयोग:
कोस्ट गार्ड और समुद्री मिलिशिया की भागीदारी, जिससे तैनाती सैन्य के साथ-साथ “कानून प्रवर्तन” का स्वरूप भी धारण कर सके। -
रणनीतिक अस्पष्टता:
"बड़े पैमाने पर गतिविधि, परंतु ‘रूटीन एक्सरसाइज़’ जैसा बयान”—चीन के ग्रे-ज़ोन उपकरणों की पहचान।
ऑफेंसिव रियलिज़्म के अनुसार ऐसी कार्रवाइयों का उद्देश्य प्रतिद्वंद्वी की प्रतिक्रिया का परीक्षण करना, क्षेत्र में ‘फैक्ट्स ऑन द ग्राउंड’ बनाना और शक्ति-प्रक्षेपण का प्रदर्शन करना होता है।
Strategic Motivations: Why Did China Act Now?
2025 की तैनाती कई उद्देश्यों की पूर्ति करती प्रतीत होती है—
1. Deterrence Signaling (निरोधात्मक संकेत)
जापान और ताइवान की हालिया घोषणाओं से चीन ने इसे “घेराबंदी” के संकेत के रूप में देखा। व्यापक नौसैनिक उपस्थिति प्रतिद्वंद्वियों को संदेश देती है कि चीन क्षेत्रीय प्रतिक्रिया के लिए तैयार है।
2. Capability Demonstration (क्षमता का प्रदर्शन)
एक ही समय में चार समुद्री क्षेत्रों में संचालन करना PLAN की लॉजिस्टिक क्षमताओं और ‘फार-सीज़ ऑपरेशन’ का परीक्षण था।
3. Gray Zone Pressure (ग्रे-ज़ोन दबाव)
ऐसी तैनाती युद्ध की दहलीज को पार किए बिना प्रतिद्वंद्वियों की सामरिक स्वतंत्रता को सीमित करती है।
4. Domestic Politics (आंतरिक राजनीति)
2025 के अंत में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंदरूनी मूल्यांकन एवं राष्ट्रीयतावादी दबाव को देखते हुए “मजबूत राष्ट्र” की छवि बनाए रखना भी महत्त्वपूर्ण कारक है।
Regional Responses: Taiwan, Japan, and the United States
Taiwan
ताइवान ने वास्तविक समय की निगरानी को बढ़ाया तथा मित्र देशों के साथ समन्वय पर जोर दिया। आधिकारिक वक्तव्यों में संयम बरता गया, परंतु सेना को हाई-अलर्ट पर रखा गया।
Japan
जापान ने प्रत्यक्ष खतरे से इनकार किया लेकिन निगरानी को दोगुना किया। जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति अब चीन को "सबसे बड़ी और संरचनात्मक चुनौती" मानती है।
United States
यद्यपि आधिकारिक प्रतिक्रिया सीमित रही, परंतु अमेरिकी नौसेना द्वारा फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशंस (FONOPs) के इतिहास को देखते हुए यह स्पष्ट है कि तैनाती ने वाशिंगटन के रणनीतिक विमर्श को सक्रिय किया।
Implications for International Security
1. Escalation Risks
मोतियों की माला (string of pearls) जैसी रणनीतियों और A2/AD तैनाती के बीच किसी भी गलत अनुमान से क्षेत्रीय संकट भड़क सकता है।
2. Alliance Consolidation
Quad, AUKUS और जापान–अमेरिका–ताइवान समन्वय को नए प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।
3. Maritime Trade Disruptions
दक्षिण चीन सागर से होकर 60% वैश्विक व्यापार गुजरता है। किसी भी व्यापक नौसैनिक गतिविधि से वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है।
4. Normalization of Aggressive Posturing
यदि चीन ऐसी तैनातियों को ‘सामान्य’ अभ्यास बनाना शुरू कर देता है, तो क्षेत्र में शक्ति-संतुलन स्थायी रूप से बदल सकता है।
5. Thucydides Trap Dynamics
अमेरिका और चीन के बीच शक्ति-संघर्ष में यह अभियान नए तनाव जोड़ता है, जो “थ्यूसीडाइड्स ट्रैप” जैसी स्थितियों को और गहरा करता है।
Conclusion
दिसंबर 2025 की चीनी नौसैनिक तैनाती केवल एक सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि पूर्वी एशिया की सामरिक वास्तविकताओं को पुनर्परिभाषित करने का प्रयास है। इस अभियान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि PLAN अब बहु-क्षेत्रीय शक्ति-प्रक्षेपण में सक्षम है, और बीजिंग राजनीतिक–सैन्य दबाव के मिश्रण के माध्यम से क्षेत्रीय व्यवस्था को अपने पक्ष में मोड़ने का प्रयास कर रहा है।
स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी पक्षों को निम्न उपाय अपनाने चाहिए:
- सैन्य ‘हॉटलाइन’ और संचार तंत्र मजबूत करना
- संयुक्त संकट-निरोधक प्रोटोकॉल विकसित करना
- ट्रैक-II कूटनीति के माध्यम से सामरिक गलतफहमी को कम करना
- क्षेत्रों में नियम-आधारित व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाना
भविष्य के शोधों को इस तैनाती के वास्तविक निरोधात्मक प्रभाव को समझने हेतु मात्रात्मक मॉडलिंग, वॉर-गेमिंग और एआई-आधारित सिमुलेशन का उपयोग करना चाहिए।
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