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UPSC CSE 2024 Topper: शक्ति दुबे बनीं पहली रैंक होल्डर | जानिए उनकी सफलता की कहानी

संघर्ष से सेवा तक: UPSC 2025 टॉपर शक्ति दुबे की प्रेरणादायक कहानी प्रयागराज की साधारण सी गलियों से निकलकर देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा UPSC सिविल सेवा 2024 (परिणाम अप्रैल 2025) में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाली शक्ति दुबे की कहानी किसी प्रेरणादायक उपन्यास से कम नहीं है। बायोकैमिस्ट्री में स्नातक और परास्नातक, शक्ति ने सात साल के अथक परिश्रम, असफलताओं को गले लगाने और अडिग संकल्प के बल पर यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। उनकी कहानी न केवल UPSC अभ्यर्थियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर चल रहा है। आइए, उनके जीवन, संघर्ष, रणनीति और सेवा की भावना को और करीब से जानें। पारिवारिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि: नींव की मजबूती शक्ति दुबे का जन्म प्रयागराज में एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां शिक्षा, अनुशासन और देशसेवा को सर्वोपरि माना जाता था। उनके पिता एक पुलिस अधिकारी हैं, जिनके जीवन से शक्ति ने बचपन से ही कर्तव्यनिष्ठा और समाज के प्रति जवाबदेही का पाठ सीखा। माँ का स्नेह और परिवार का अटूट समर्थन उनकी ताकत का आधार बना। शक्ति स्वयं अपनी सफलता का श्रेय अपने ...

15 जनवरी भारतीय थल सेना दिवस

हर वर्ष 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सेना के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है, जो हमारे देश की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है। इस दिवस का ऐतिहासिक महत्व 15 जनवरी 1949 की उस घटना से जुड़ा है, जब फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ का पदभार ग्रहण किया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने भारतीय सेना को औपनिवेशिक नियंत्रण से पूर्ण स्वतंत्रता दिलाई और सेना की कमान भारतीय हाथों में सौंपी।

भारतीय सेना की गौरवशाली भूमिका

भारतीय सेना न केवल बाहरी खतरों से देश की रक्षा करती है, बल्कि आपदाओं और संकट की घड़ी में नागरिक सहायता भी प्रदान करती है। सेना की वीरता, अनुशासन और त्याग का उदाहरण विभिन्न युद्धों और शांति अभियानों में देखने को मिला है।

थल सेना दिवस का आयोजन

इस दिन देशभर में विशेष परेड और समारोह आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली के परेड ग्राउंड में सेना के जवान अपनी ताकत और आधुनिक उपकरणों का प्रदर्शन करते हैं। यह दिन न केवल सेना के जवानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।

सेना के प्रति कृतज्ञता

भारतीय थल सेना दिवस हमें उन बहादुर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है, जो अपने जीवन की परवाह किए बिना देश की सेवा में लगे रहते हैं। यह दिन हमें उनकी कुर्बानी और समर्पण को याद करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर देता है।

15 जनवरी का यह दिन हमें याद दिलाता है कि भारतीय सेना न केवल हमारी सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि देशवासियों के जीवन में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।


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✍️ARVIND SINGH PK REWA

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