अमेरिकी सैन्य कार्रवाई और वेनेज़ुएला की प्रतिक्रिया: एक सामरिक विश्लेषण
परिचय
दक्षिण अमेरिका का ऊर्जा-संपन्न राष्ट्र वेनेज़ुएला पिछले एक दशक से राजनीतिक उथल-पुथल, आर्थिक गिरावट और बाहरी हस्तक्षेप के आरोपों के बीच घिरा हुआ है। हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कैरिबियन और पूर्वी प्रशांत में कथित ड्रग-तस्करी नौकाओं पर की गई सैन्य कार्रवाइयों ने इस संकट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और गंभीर बना दिया है। इन हमलों में कई लोगों की मौत हुई और ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया कि नौसैनिक हमलों का दायरा आगे चलकर वेनेज़ुएला की भूमि तक भी पहुँच सकता है।
इसके जवाब में, वेनेज़ुएला की राष्ट्रीय सभा ने इन घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष आयोग गठित किया है, जिसने इसे राष्ट्र की संप्रभुता पर सीधा हमला बताते हुए “कठोर और गहन जांच” की घोषणा की है। ऐसे समय में, अमेरिकी सैन्य शक्ति और वेनेज़ुएला की क्षमताओं का तुलनात्मक विश्लेषण करना आवश्यक हो जाता है, ताकि संभावित परिदृश्यों को समझा जा सके।
अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का संदर्भ
अमेरिका लंबे समय से वेनेज़ुएला सरकार पर ड्रग तस्करी में शामिल होने या उसे संरक्षण देने के आरोप लगाता रहा है। इसी संदर्भ में, हाल ही में अमेरिकी सैन्य अभियानों ने वेनेज़ुएला के आस-पास संचालित होने वाली कुछ नौकाओं को निशाना बनाया। रिपोर्टों के अनुसार, इनमें से एक कार्रवाई में सभी यात्रियों को मार गिराने का आदेश दिया गया था, जबकि दूसरी घटना में दो जीवित बचे लोगों को भी अतिरिक्त हमले का सामना करना पड़ा।
ट्रंप ने इन अभियानों को “नार्कोटिक्स नेटवर्क के खिलाफ ज़रूरी कदम” बताते हुए वेनेज़ुएला के तटीय और हवाई क्षेत्र को “पूर्ण रूप से बंद” घोषित किया। उन्होंने यह भी कहा कि नौसैनिक कार्रवाइयाँ भविष्य में स्थलीय सैन्य हस्तक्षेप का रूप ले सकती हैं।
वेनेज़ुएला ने इन आरोपों को “गंभीर दुष्प्रचार” बताते हुए जवाब दिया कि अमेरिका वास्तव में देश के विशाल तेल भंडारों पर नियंत्रण हासिल करने की रणनीति के तहत तनाव बढ़ा रहा है। इस पूरे विवाद ने न केवल वेनेज़ुएला बल्कि पूरे दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र की स्थिरता को चुनौतीपूर्ण स्थिति में ला दिया है।
वेनेज़ुएला की सैन्य क्षमताएँ: शक्ति और सीमाएँ
अमेरिका की तुलना में वेनेज़ुएला की सैन्य क्षमता काफी सीमित मानी जाती है। देश की सेना कई वर्षों से आर्थिक संकटों और राजनीतिक अस्थिरता के बोझ तले दब रही है।
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संसाधन और उपकरण
सेना मुख्य रूप से रूसी निर्मित उपकरणों पर निर्भर है—जिनमें Su-30 लड़ाकू विमान, बख़्तरबंद गाड़ियाँ, हेलीकॉप्टर और कंधे से दागी जाने वाली मिसाइलें शामिल हैं। ये उपकरण रखरखाव और पुर्ज़ों की कमी के कारण पूर्ण क्षमता से संचालित नहीं हो पाते। -
सैनिकों का मनोबल और प्रशिक्षण
वेतन बेहद कम होने (लगभग 100 डॉलर मासिक) के कारण सेना में डेज़र्शन बहुत आम है। साथ ही, सैनिकों का अधिकांश अनुभव नागरिक प्रदर्शनों को नियंत्रित करने में लगा है, न कि आधुनिक युद्ध की रणनीतियों में। -
नागरिक मिलिशिया
सरकार दावा करती है कि लगभग 80 लाख नागरिक मिलिशिया के रूप में प्रशिक्षित हैं। हालांकि, वास्तविकता में केवल कुछ हज़ार प्रशिक्षित या राजनीतिक रूप से सक्रिय समर्थक ही युद्ध की स्थिति में उपयोगी साबित हो सकते हैं। -
अन्य सशस्त्र समूह
देश में कोलंबियाई गुरिल्ला समूह, “कोलेक्टिवोस” जैसे राजनीतिक रूप से जुड़े सशस्त्र संगठन और कुछ आपराधिक नेटवर्क भी सक्रिय हैं। सरकार अक्सर इनके अपराधी संबंधों से इनकार करती है, लेकिन ये समूह किसी भी संघर्ष की स्थिति में सुरक्षा परिदृश्य को और जटिल बना सकते हैं।
इन सबके कारण वेनेज़ुएला पारंपरिक युद्ध में अमेरिका के मुकाबले टक्कर देने की स्थिति में नहीं है। लेकिन इसका अर्थ यह भी है कि वह संघर्ष को असममित या गुरिल्ला युद्ध की दिशा में मोड़ सकता है—जो कि अमेरिकी सेना के लिए भी समय और संसाधन की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
वेनेज़ुएला की संभावित प्रतिक्रिया रणनीतियाँ
यदि अमेरिकी सैन्य कार्रवाई वेनेज़ुएला की भूमि तक पहुँचती है, तो वेनेज़ुएला की रणनीति मुख्य रूप से निम्न रूपों में विकसित हो सकती है:
1. गुरिल्ला-शैली प्रतिरोध
वेनेज़ुएला सेना और मिलिशिया छोटे-छोटे समूहों में विभाजित होकर देश भर में 280 से अधिक स्थानों पर सक्रिय हो सकती है।
- तोड़फोड़, एम्बुश और हिट-एंड-रन रणनीतियाँ
- रूसी निर्मित इग्ला मिसाइलों का उपयोग
- संचार और आपूर्ति लाइनों को बाधित करना
यह सब अमेरिकी सेना के लिए संघर्ष को लंबा और महंगा बना सकता है।
2. “अनार्काइजेशन” रणनीति
इस रणनीति के तहत खुफिया एजेंसियों और सशस्त्र समर्थकों द्वारा देश की राजधानी कराकास सहित प्रमुख शहरी इलाकों में अव्यवस्था पैदा की जा सकती है।
उद्देश्य होगा—देश को अस्थिर और अप्रशासनीय बनाकर किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को कारगर न होने देना।
3. कूटनीतिक मोर्चे पर आक्रामकता
राष्ट्रीय सभा द्वारा गठित जांच आयोग अमेरिकी कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के रूप में पेश कर सकता है।
वेनेज़ुएला संयुक्त राष्ट्र, गुटनिरपेक्ष आंदोलन और वैश्विक दक्षिण के देशों में समर्थन जुटाने की कोशिश करेगा, ताकि अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाया जा सके।
हालाँकि, आर्थिक प्रतिबंधों और कूटनीतिक अलगाव के कारण वेनेज़ुएला के लिए यह रास्ता भी आसान नहीं है।
निष्कर्ष
अमेरिका द्वारा सैन्य दबाव बढ़ाए जाने से वेनेज़ुएला के सामने गंभीर सुरक्षा और कूटनीतिक चुनौतियाँ उत्पन्न हो गई हैं। अमेरिकी सेना की क्षमता और वेनेज़ुएला की सीमित सैन्य संरचना को देखते हुए किसी भी सीधे युद्ध का परिणाम स्पष्ट है, लेकिन गुरिल्ला और असममित रणनीतियाँ संघर्ष को जटिल और लंबा बना सकती हैं।
राष्ट्रीय सभा की जांच पहल और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति वेनेज़ुएला के लिए राजनीतिक सुरक्षा कवच का कार्य कर सकती है, जबकि अमेरिकी कार्रवाई क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ाने का जोखिम लिए हुए है।
दक्षिण अमेरिका के लिए दीर्घकालिक शांति तभी संभव है जब दोनों देश सैन्य टकराव के बजाय संवाद और कूटनीति के रास्ते पर लौटें। अन्यथा, एक सीमित सैन्य विवाद भी पूरे क्षेत्र को अनिश्चितता और हिंसा के दौर में धकेल सकता है।
संदर्भ
- Explainer: How could Venezuela's military respond to a US attack? – Reuters
- Venezuela's National Assembly to investigate US boat strikes. – Reuters
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