मेडागास्कर का युवा आंदोलन: लोकतंत्र की नई चेतना की लहर
मेडागास्कर, जो अफ्रीका के पूर्वी तट से सटे हिंद महासागर में स्थित एक द्वीपीय राष्ट्र है, आज एक असाधारण लोकतांत्रिक जागरण का साक्षी बन रहा है। देशभर में हजारों युवा सड़कों पर उतर आए हैं, जो भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, और शासन में पारदर्शिता की कमी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। यह आंदोलन केवल तत्कालीन असंतोष का परिणाम नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी पीढ़ी का घोषणापत्र है जो अपनी राजनीतिक नियति खुद लिखना चाहती है।
1. आंदोलन की पृष्ठभूमि: लोकतंत्र से मोहभंग
2023 के चुनावों के बाद राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना की सरकार पर आरोप लगे कि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी और सत्ता संरचना पर कुछ गिने-चुने उद्योगपति और राजनीतिक वर्ग का कब्जा है। पिछले दो वर्षों में आर्थिक स्थिति बिगड़ी, बेरोजगारी दर 40% से अधिक पहुंच गई, और महंगाई ने गरीब तबके को बुरी तरह प्रभावित किया।
इन्हीं कारणों से युवा वर्ग में असंतोष बढ़ा—जो अब विरोध का रूप ले चुका है।
2. प्रेरणा के स्रोत: केन्या और नेपाल की लहर
मेडागास्कर के युवा आंदोलन को “अफ्रीकी जेन-ज़ी प्रोटेस्ट वेव” का हिस्सा कहा जा रहा है।
- केन्या में 2024 में हुए जेन ज़ी टैक्स विरोध ने दिखाया कि सोशल मीडिया-आधारित संगठन किस तरह सरकारों को झुकने पर मजबूर कर सकता है।
- नेपाल में युवाओं ने पारदर्शिता और रोजगार के लिए “राष्ट्रीय स्वाभिमान अभियान” चलाया, जिसने कई नीतिगत बदलावों को जन्म दिया।
मेडागास्कर के युवा भी इन्हीं आंदोलनों से सीख लेकर अपने देश की राजनीतिक व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।
3. सरकार की प्रतिक्रिया: नियंत्रण या संवाद?
राजोएलिना सरकार की रणनीति दो हिस्सों में बंटी दिखाई देती है।
पहले चरण में उसने पुलिस बल और कर्फ्यू के ज़रिए प्रदर्शनों को सीमित करने की कोशिश की, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से आंदोलन फैलता चला गया।
दूसरे चरण में सरकार ने “युवाओं से संवाद” की बात कही, किंतु ठोस नीति-स्तर के सुधार अभी तक सामने नहीं आए हैं।
यदि सरकार इन आवाज़ों को केवल सुरक्षा-समस्या मानती रही, तो यह आंदोलन और उग्र हो सकता है।
4. आर्थिक और सामाजिक मुद्दे: आंदोलन की जड़ें
मेडागास्कर की आधी से अधिक आबादी 25 वर्ष से कम उम्र की है।
देश की अर्थव्यवस्था कृषि और खनन पर निर्भर है, लेकिन
- युवा वर्ग में रोज़गार की कमी,
- शिक्षा में गुणवत्ता संकट,
- और राजनीतिक अवसरों की कमी
ने सामाजिक असंतुलन को बढ़ा दिया है।
युवा अब केवल नारे नहीं लगा रहे, बल्कि नीतिगत बदलाव—जैसे शिक्षा सुधार, भ्रष्टाचार निरोधक कानून, और रोजगार सृजन नीति—की मांग कर रहे हैं।
5. लोकतंत्र के लिए निहितार्थ
यह आंदोलन एक गहरे प्रश्न को जन्म देता है—क्या अफ्रीका में लोकतंत्र अब केवल औपचारिक संरचना है या यह सामाजिक न्याय और जवाबदेही का वास्तविक माध्यम बन सकता है?
मेडागास्कर के युवाओं की आवाज यह दर्शाती है कि नई पीढ़ी अब “भागीदारी लोकतंत्र” (Participatory Democracy) की दिशा में बढ़ना चाहती है, जहां सत्ता जनता से संवाद करे, न कि केवल चुनाव के समय जनता तक पहुंचे।
6. अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण: वैश्विक युवा चेतना का उभार
विश्व भर में एक नई राजनीतिक प्रवृत्ति उभर रही है—युवा-नेतृत्व वाला नागरिक पुनर्जागरण।
चाहे चिली का संविधान आंदोलन हो, ईरान की महिला-नेतृत्व वाली क्रांति, या यूरोप के क्लाइमेट मार्च—हर जगह युवाओं ने लोकतंत्र के मूल्यों को नए सिरे से परिभाषित किया है।
मेडागास्कर का आंदोलन इस वैश्विक लोकतांत्रिक पुनर्जागरण का हिस्सा है।
7. आगे की राह: अवसर या अराजकता?
यदि सरकार युवाओं की मांगों को सुनती है, तो यह संकट एक लोकतांत्रिक पुनर्निर्माण का अवसर बन सकता है।
परंतु यदि repression (दमन) जारी रहा, तो यह आंदोलन शासन को अस्थिर कर सकता है—जिसके परिणामस्वरूप अफ्रीकी क्षेत्रीय राजनीति में अस्थिरता फैल सकती है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय—विशेषकर अफ्रीकी संघ और संयुक्त राष्ट्र—को चाहिए कि वे संवाद और सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यस्थ भूमिका निभाएं।
निष्कर्ष: लोकतंत्र की नई व्याख्या
मेडागास्कर का युवा आंदोलन यह संदेश देता है कि लोकतंत्र केवल मतदान का अधिकार नहीं, बल्कि निरंतर संवाद और जवाबदेही की संस्कृति है।
युवा वर्ग अब दर्शक नहीं, भागीदार बनना चाहता है।
यह आंदोलन केवल सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि एक बेहतर शासन व्यवस्था की खोज में है।
यदि मेडागास्कर की सत्ता इस चेतना को स्वीकार कर लेती है, तो यह न केवल देश बल्कि पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए लोकतंत्र की नई परिभाषा गढ़ सकती है।
With Reuters Inputs
Comments
Post a Comment