ड्रोन-संचालित तस्करी: भारत-पाक सीमा पर बढ़ता खतरा
पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ ड्रोन के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी एक ऐसी समस्या बनकर उभरी है, जो न केवल सुरक्षा बलों के लिए चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर खतरा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की हालिया वार्षिक रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है: 2021 में ड्रोन-संचालित तस्करी के केवल तीन मामले सामने आए थे, जो 2024 में बढ़कर 179 हो गए। यह लगभग 60 गुना की वृद्धि न सिर्फ तस्करों की तकनीकी चतुराई को दर्शाती है, बल्कि हमारी सीमा सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने पर पड़ने वाले गहरे प्रभावों की ओर भी इशारा करती है।
ड्रोन: तस्करों का नया हथियार
ड्रोन, जो कभी खिलौनों या हवाई फोटोग्राफी के साधन हुआ करते थे, अब संगठित अपराधी नेटवर्कों का पसंदीदा हथियार बन चुके हैं। ये छोटे, तेज, और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले उपकरण पारंपरिक रडार और निगरानी प्रणालियों को आसानी से चकमा दे सकते हैं। पंजाब के सीमावर्ती जिले—अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, और फिरोजपुर—इस नई तस्करी रणनीति के केंद्र बन गए हैं। घने खेतों और नदियों से घिरी यह भौगोलिक स्थिति तस्करों के लिए प्राकृतिक आड़ प्रदान करती है, जिसका वे बखूबी फायदा उठा रहे हैं।
तस्करों द्वारा मुख्य रूप से हेरोइन और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही है, जो पंजाब के युवाओं में नशे की लत को और बढ़ा रही है। यह कोई संयोग नहीं है कि पंजाब पहले से ही नशे की महामारी से जूझ रहा है। ड्रोन के जरिए होने वाली तस्करी ने इस संकट को और गहरा दिया है, जिसका असर सामाजिक और आर्थिक स्तर पर स्पष्ट दिखाई देता है।
सुरक्षा बलों की चुनौतियां
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और एनसीबी इस खतरे से निपटने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, लेकिन ड्रोन की तकनीकी प्रकृति और तस्करों की चालाकी ने उनके सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। ड्रोन का छोटा आकार और उनकी कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता उन्हें पकड़ना मुश्किल बनाती है। इसके अलावा, संगठित अपराधी नेटवर्कों का स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय इस समस्या को और जटिल करता है।
हालांकि, सुरक्षा बलों ने ड्रोन-रोधी तकनीकों, जैसे रडार-आधारित डिटेक्शन और जैमिंग डिवाइस, को अपनाकर जवाबी कार्रवाई शुरू की है। फिर भी, यह स्पष्ट है कि तकनीकी उन्नयन के साथ-साथ खुफिया तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है। भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर समन्वय भी इस समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण हो सकता है, हालांकि राजनयिक तनाव इस दिशा में एक बड़ी बाधा है।
सामाजिक प्रभाव और जिम्मेदारी
यह सिर्फ एक सुरक्षा मुद्दा नहीं है; यह एक सामाजिक आपदा है। पंजाब का युवा वर्ग, जो पहले से ही नशे की लत से प्रभावित है, इस बढ़ती तस्करी के कारण और अधिक खतरे में है। परिवार टूट रहे हैं, आर्थिक उत्पादकता कम हो रही है, और सामाजिक तानाबाना कमजोर पड़ रहा है। यह केवल सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी नहीं है; समाज के हर वर्ग—सरकार, नागरिक संगठन, और समुदाय—को इस संकट से निपटने के लिए एकजुट होना होगा।
नशे की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान, पुनर्वास केंद्रों का विस्तार, और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना कुछ ऐसे कदम हैं, जो इस समस्या के सामाजिक प्रभाव को कम कर सकते हैं। साथ ही, सरकार को ड्रोन तकनीक के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त नियम और नीतियां लागू करने की जरूरत है।
आगे की राह
ड्रोन-संचालित तस्करी का यह उभरता खतरा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि तकनीक का दुरुपयोग कितनी तेजी से नई चुनौतियां पैदा कर सकता है। यह एक ऐसी जंग है, जिसमें तकनीक, खुफिया जानकारी, और सामाजिक जागरूकता को एक साथ जोड़ने की जरूरत है। सरकार और सुरक्षा बलों को न केवल तात्कालिक उपाय करने होंगे, बल्कि दीर्घकालिक रणनीति भी बनानी होगी, ताकि इस खतरे को जड़ से खत्म किया जा सके।
पंजाब की सीमाएं सिर्फ भौगोलिक रेखाएं नहीं हैं; वे हमारे समाज की सुरक्षा और भविष्य की रक्षा की पहली पंक्ति हैं। इस पंक्ति को मजबूत करने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि नशे का यह जहर हमारी भावी पीढ़ियों को तबाह न कर सके।
स्रोत: The Hindu
ड्रोन के माध्यम से भारत-पाक सीमा पर नशीली दवाओं की तस्करी के मुद्दे को आधार बनाकर, UPSC परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न निम्नलिखित हो सकते हैं। ये प्रश्न सिविल सेवा परीक्षा के प्रारंभिक, मुख्य, और साक्षात्कार चरणों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं, जो सामान्य अध्ययन (GS) पेपर 1, 2, 3, और निबंध के दृष्टिकोण से प्रासंगिक हैं।
प्रारंभिक परीक्षा (MCQ आधारित)
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निम्नलिखित में से कौन सा क्षेत्र हाल के वर्षों में ड्रोन के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है?
a) राजस्थान
b) पंजाब
c) गुजरात
d) जम्मू और कश्मीर
उत्तर: b) पंजाब
विश्लेषण: एनसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में भारत-पाक सीमा पर ड्रोन तस्करी में भारी वृद्धि हुई है। -
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी के मामलों में कितनी वृद्धि दर्ज की गई?
a) 10 गुना
b) 30 गुना
c) 60 गुना
d) 100 गुना
उत्तर: c) 60 गुना
विश्लेषण: 2021 में 3 मामले थे, जो 2024 में 179 हो गए, जो लगभग 60 गुना वृद्धि दर्शाता है। -
ड्रोन-संचालित नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए भारत द्वारा निम्नलिखित में से कौन सी तकनीक अपनाई जा रही है?
a) रडार-आधारित डिटेक्शन
b) सैटेलाइट इमेजरी
c) मैनुअल गश्त
d) थर्मल स्कैनिंग
उत्तर: a) रडार-आधारित डिटेक्शन
विश्लेषण: बीएसएफ और एनसीबी ड्रोन-रोधी तकनीकों जैसे रडार और जैमिंग डिवाइस का उपयोग कर रहे हैं।
मुख्य परीक्षा (वर्णनात्मक प्रश्न)
सामान्य अध्ययन पेपर 3 (आंतरिक सुरक्षा और तकनीक)
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प्रश्न: भारत-पाक सीमा पर ड्रोन के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी में हालिया वृद्धि ने आंतरिक सुरक्षा के लिए नई चुनौतियां पेश की हैं। इस समस्या के कारणों, प्रभावों और इससे निपटने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों का विश्लेषण करें। (250 शब्द)
संभावित उत्तर की रूपरेखा:- परिचय: ड्रोन तस्करी की वृद्धि (2021 में 3 मामले से 2024 में 179 मामले) और इसके सुरक्षा पर प्रभाव।
- कारण: ड्रोन की तकनीकी विशेषताएं (छोटा आकार, कम ऊंचाई), संगठित अपराधी नेटवर्क, और भौगोलिक चुनौतियां।
- प्रभाव: पंजाब में नशे की लत, सामाजिक-आर्थिक क्षति, और सीमा सुरक्षा पर दबाव।
- उपाय: ड्रोन-रोधी तकनीक (रडार, जैमिंग), खुफिया तंत्र को मजबूत करना, और सामाजिक जागरूकता अभियान।
- सुझाव: अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सख्त ड्रोन नियम, और पुनर्वास कार्यक्रम।
- निष्कर्ष: तकनीकी और सामाजिक उपायों के समन्वय की आवश्यकता।
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प्रश्न: तकनीकी प्रगति ने अपराध और तस्करी के नए रूपों को जन्म दिया है। ड्रोन के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी के संदर्भ में, भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तकनीकी और नीतिगत उपायों पर चर्चा करें। (150 शब्द)
संभावित उत्तर की रूपरेखा:- परिचय: ड्रोन तस्करी की बढ़ती समस्या और तकनीक का दुरुपयोग।
- तकनीकी उपाय: एंटी-ड्रोन सिस्टम, रडार, और जैमिंग तकनीक।
- नीतिगत उपाय: ड्रोन उपयोग पर सख्त नियम, खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान, और बीएसएफ-एनसीबी समन्वय।
- चुनौतियां: तकनीकी सीमाएं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की कमी।
- निष्कर्ष: तकनीक और नीति का संतुलित उपयोग आवश्यक।
सामान्य अध्ययन पेपर 2 (शासन और सामाजिक न्याय)
- प्रश्न: पंजाब में नशीली दवाओं की तस्करी और नशे की लत ने सामाजिक और आर्थिक संकट को गहरा किया है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार और नागरिक समाज की भूमिका का मूल्यांकन करें। (250 शब्द)
संभावित उत्तर की रूपरेखा:- परिचय: ड्रोन तस्करी और पंजाब में नशे की स्थिति।
- सरकार की भूमिका: नशा विरोधी अभियान, पुनर्वास केंद्र, और सीमा पर निगरानी।
- नागरिक समाज की भूमिका: जागरूकता अभियान, एनजीओ की भागीदारी, और सामुदायिक सहायता।
- चुनौतियां: सामाजिक कलंक, सीमित संसाधन, और संगठित अपराध।
- सुझाव: शिक्षा, रोजगार, और सामुदायिक भागीदारी पर जोर।
- निष्कर्ष: समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता।
निबंध
- प्रश्न: "तकनीक: आधुनिक समाज के लिए वरदान और अभिशाप।" भारत में ड्रोन तस्करी के संदर्भ में इस कथन की चर्चा करें।
संभावित निबंध की रूपरेखा:- परिचय: तकनीक का दोहरा चेहरा—लाभ और चुनौतियां।
- ड्रोन तस्करी का उदाहरण: पंजाब में स्थिति, आंकड़े (2021 से 2024 तक वृद्धि)।
- वरदान: ड्रोन का उपयोग (कृषि, आपदा प्रबंधन, निगरानी)।
- अभिशाप: तस्करी, आतंकवाद, और गोपनीयता का उल्लंघन।
- समाधान: तकनीकी नियंत्रण, नीतिगत सुधार, और सामाजिक जागरूकता।
- निष्कर्ष: तकनीक का जिम्मेदार उपयोग और संतुलित दृष्टिकोण।
साक्षात्कार (संभावित प्रश्न)
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ड्रोन के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी को रोकने के लिए आप एक नीति निर्माता के रूप में क्या कदम उठाएंगे?
संभावित उत्तर:- ड्रोन नियंत्रण पर राष्ट्रीय नीति का विकास।
- सीमा पर एंटी-ड्रोन तकनीक की तैनाती।
- खुफिया जानकारी साझा करने के लिए भारत-पाक के बीच कूटनीतिक प्रयास।
- पंजाब में नशे की रोकथाम के लिए सामाजिक और शैक्षिक कार्यक्रम।
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क्या आपको लगता है कि ड्रोन तस्करी जैसे मुद्दे भारत-पाक संबंधों को और जटिल करते हैं? इसका समाधान कैसे हो सकता है?
संभावित उत्तर:- हां, यह सीमा सुरक्षा और विश्वास को प्रभावित करता है।
- समाधान: संयुक्त खुफिया तंत्र, ड्रोन तकनीक पर क्षेत्रीय सहयोग, और नशे के खिलाफ सामूहिक प्रयास।
नोट:
ये प्रश्न UPSC के पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं (आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक मुद्दे, तकनीक, और अंतरराष्ट्रीय संबंध) को कवर करते हैं। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे एनसीबी, बीएसएफ, और ड्रोन तकनीक से संबंधित तथ्यों के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर भी ध्यान दें। साथ ही, समसामयिक घटनाओं और सरकारी नीतियों को अपने उत्तरों में शामिल करें।
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