ऑपरेशन हॉक आई स्ट्राइक: सीरिया में अमेरिकी हवाई हमले और आतंकवाद के विरुद्ध जारी युद्ध
21 दिसंबर 2025 को पश्चिम एशिया की अस्थिर भू-राजनीति में एक बार फिर विस्फोटक मोड़ आया, जब अमेरिका ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS/दाएश) के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। “ऑपरेशन हॉक आई स्ट्राइक” नामक यह कार्रवाई केवल एक सैन्य अभियान नहीं थी, बल्कि यह अमेरिका की आतंकवाद-विरोधी नीति, प्रतिशोध की रणनीति और सीरिया में बदलते राजनीतिक परिदृश्य का स्पष्ट संकेत भी थी।
पृष्ठभूमि: पामाइरा हमला और अमेरिकी प्रतिक्रिया
इस अभियान की जड़ें 13 दिसंबर 2025 की उस घटना में हैं, जब सीरिया के पामाइरा के पास एक हमले में आईोवा नेशनल गार्ड के दो अमेरिकी सैनिक और एक अमेरिकी दुभाषिया मारे गए। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह हमला ISIS से जुड़े एक अकेले हमलावर द्वारा किया गया था, जिसे बाद में मार गिराया गया।
अमेरिका के लिए यह हमला केवल जनहानि का मामला नहीं था, बल्कि उसकी विश्वसनीयता और deterrence (प्रतिरोधक क्षमता) की भी परीक्षा थी। इसी संदर्भ में “ऑपरेशन हॉक आई स्ट्राइक” को एक सख्त और प्रतीकात्मक प्रतिशोध के रूप में अंजाम दिया गया।
ऑपरेशन की सैन्य रूपरेखा: शक्ति का प्रदर्शन
अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के अनुसार, इस अभियान में अत्याधुनिक और बहुस्तरीय सैन्य संसाधनों का प्रयोग किया गया—
- F-15E स्ट्राइक ईगल
- A-10 थंडरबोल्ट
- AH-64 अपाचे हेलिकॉप्टर
- अन्य सहयोगी हवाई प्लेटफॉर्म
इनके माध्यम से मध्य सीरिया में 70 से अधिक ISIS ठिकानों को निशाना बनाया गया।
100 से अधिक प्रिसिजन गाइडेड बम और मिसाइलों का उपयोग कर ISIS के:
- लड़ाकों,
- हथियारों के भंडार,
- लॉजिस्टिक नेटवर्क,
- और बुनियादी ढांचे को भारी क्षति पहुंचाई गई।
इस अभियान में जॉर्डन की वायुसेना की भागीदारी भी महत्वपूर्ण रही, जो क्षेत्रीय सहयोग और साझा सुरक्षा हितों को दर्शाती है। 2019 के बाद यह सीरिया में ISIS पर सबसे बड़ा अमेरिकी हवाई हमला माना जा रहा है।
राजनीतिक संदेश: प्रतिशोध और संकल्प
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के माध्यम से स्पष्ट शब्दों में कहा कि अमेरिका “ISIS के ठिकानों पर कठोर प्रहार कर रहा है” और यह एक “गंभीर प्रतिशोध” है।
रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इसे खुले तौर पर “प्रतिशोध की घोषणा” बताया।
ऑपरेशन का नाम — “हॉक आई” — भी प्रतीकात्मक है। यह आईोवा राज्य (हॉक आई स्टेट) की ओर संकेत करता है, जहां से मारे गए अमेरिकी सैनिक संबंधित थे। इस प्रकार यह अभियान भावनात्मक, राजनीतिक और सैन्य—तीनों स्तरों पर संदेश देता है।
सीरिया का बदला हुआ राजनीतिक परिदृश्य
इस ऑपरेशन का एक महत्वपूर्ण संदर्भ सीरिया में सत्ता परिवर्तन है। बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद बनी नई सरकार ने अमेरिका के साथ ISIS विरोधी सहयोग का संकेत दिया है।
नए राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने अमेरिकी हमलों का समर्थन करते हुए कहा कि ISIS का पूरी तरह सफाया सीरिया की प्राथमिकता है।
हालांकि, जमीनी सच्चाई यह है कि ISIS अभी भी:
- सीरिया और इराक में 1500–3000 लड़ाकों
- विशेषकर रेगिस्तानी और दूरदराज़ इलाकों में सक्रिय है।
अमेरिका की लगभग 1000 सैनिकों की मौजूदगी और इस तरह के अभियान ISIS की पुनरुत्थान (resurgence) की कोशिशों को रोकने की रणनीति का हिस्सा हैं।
वैश्विक और क्षेत्रीय प्रभाव: स्थिरता या नया तनाव?
“ऑपरेशन हॉक आई स्ट्राइक” आतंकवाद के विरुद्ध अमेरिका की निरंतर प्रतिबद्धता को तो दर्शाता है, लेकिन इसके कुछ व्यापक निहितार्थ भी हैं—
- यह सीरिया की नई सरकार और अमेरिका के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करता है।
- साथ ही, यह आशंका भी बनी रहती है कि ISIS या उससे जुड़े नेटवर्क प्रतिशोधी हमले कर सकते हैं।
- क्षेत्र में पहले से मौजूद तनाव—ईरान, तुर्की, कुर्द बलों और विभिन्न मिलिशियाओं के संदर्भ में—और जटिल हो सकता है।
यह अभियान इस सच्चाई की याद दिलाता है कि आतंकवादी संगठन राजनीतिक बदलावों के बावजूद समाप्त नहीं होते, बल्कि अवसर पाकर नए रूप में उभर सकते हैं।
निष्कर्ष: आतंकवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई
ऑपरेशन हॉक आई स्ट्राइक एक स्पष्ट संदेश देता है—
अमेरिका अपने सैनिकों पर हुए हमलों को बिना जवाब नहीं छोड़ेगा और ISIS के पुनरुत्थान को किसी भी कीमत पर रोका जाएगा।
लेकिन यह भी उतना ही स्पष्ट है कि हवाई हमले केवल अस्थायी सैन्य समाधान हैं। जब तक राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक पुनर्निर्माण और स्थानीय शासन को मजबूती नहीं मिलती, तब तक आतंकवाद के बीज पूरी तरह समाप्त नहीं होंगे।
21 दिसंबर 2025 का यह ऑपरेशन हमें याद दिलाता है कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध अभी समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि यह नए चरणों, नई रणनीतियों और नए जोखिमों के साथ आगे बढ़ रहा है।
With Times of India Inputs
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