India’s Election Commission Launches Second Phase of Special Intensive Revision (SIR): A Major Step to Strengthen Democratic Inclusion
विशेष गहन संशोधन (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा: लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करने की दिशा में निर्वाचन आयोग का ऐतिहासिक कदम
परिचय
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और इसकी शक्ति का आधार है — जनभागीदारी पर आधारित निष्पक्ष निर्वाचन प्रणाली। इसी लोकतांत्रिक संरचना की निरंतर सुदृढ़ता सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) समय-समय पर मतदाता सूची के अद्यतन और शुद्धिकरण की प्रक्रिया अपनाता है।
27 अक्टूबर 2025 को आयोग ने “विशेष गहन संशोधन” (Special Intensive Revision - SIR) के दूसरे चरण की घोषणा की, जो 28 अक्टूबर से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा। यह पहल केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि नागरिक सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक गहराई को बढ़ाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
SIR का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
भारत में निर्वाचन सूचियों का नियमित अद्यतन तो वार्षिक संशोधन के माध्यम से होता है, किंतु विशेष गहन संशोधन उस प्रक्रिया का एक अधिक व्यापक, समावेशी और मैदानी स्वरूप है।
इसका उद्देश्य केवल त्रुटि सुधार नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और जनसंख्या गतिशीलता को ध्यान में रखकर मतदाता सूची को “जीवंत” बनाना है।
मुख्य उद्देश्य:
- पूर्ण समावेशिता सुनिश्चित करना — 18 वर्ष से ऊपर के सभी पात्र नागरिकों को सूची में शामिल करना।
- शुद्धता एवं पारदर्शिता — मृतक, स्थानांतरित या डुप्लिकेट मतदाताओं के नाम हटाना।
- तकनीकी एकीकरण — आधार सत्यापन और डिजिटलीकरण के माध्यम से धोखाधड़ी रहित सूची तैयार करना।
- हाशिए के समूहों की भागीदारी — महिलाओं, दिव्यांगजनों (PwDs) और प्रवासी श्रमिकों के नाम जोड़ने पर विशेष फोकस।
पहले चरण में ECI ने देश के कई जिलों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया था, जिससे लाखों नामों में सुधार हुआ। दूसरा चरण उन राज्यों पर केंद्रित है जहां शहरी प्रवास, जनसंख्या वृद्धि और युवा मतदाताओं का अनुपात अधिक है।
प्रक्रिया: पारदर्शी और जन-सहभागी दृष्टिकोण
दूसरे चरण की प्रक्रिया को तीन स्तरों में लागू किया जा रहा है — मैदानी सत्यापन, दावे और आपत्तियां, तथा डेटा सत्यापन।
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घर-घर सर्वेक्षण:
बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाता विवरण की पुष्टि करेंगे। BLOs फॉर्म 6 (नया नामांकन), फॉर्म 7 (नाम हटाने) और फॉर्म 8 (सुधार) में सहायता करेंगे। -
दावे एवं आपत्तियां अवधि:
नागरिकों को 30 दिनों की समयसीमा के भीतर अपने दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दिया जाएगा।
यह प्रक्रिया ऑनलाइन (NVSP पोर्टल) और ऑफलाइन (BLO कार्यालय) दोनों माध्यमों से की जा सकेगी। -
युवा एवं विशेष समूहों पर ध्यान:
18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के नए मतदाताओं पर विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही, PwD मतदाताओं के लिए रैंप, व्हीलचेयर और विशेष सहायता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। -
डिजिटल पारदर्शिता:
सभी प्रविष्टियां Voter Helpline App और Garuda App से लिंक की जाएंगी, ताकि रियल टाइम सत्यापन संभव हो सके।
महत्व: लोकतांत्रिक भागीदारी का पुनर्संयोजन
विशेष गहन संशोधन केवल तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक चेतना का पुनर्जीवन है।
इस पहल से:
- मतदाता सूची की सटीकता बढ़ेगी, जिससे धोखाधड़ी और दोहरी प्रविष्टियों में कमी आएगी।
- मतदान प्रतिशत में वृद्धि की संभावना है, क्योंकि सटीक सूची लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करती है।
- युवा मतदाताओं की सहभागिता नीति निर्माण की दिशा को नया आयाम दे सकती है।
- डिजिटल सत्यापन प्रणाली “ई-गवर्नेंस” की अवधारणा को चुनावी प्रशासन में स्थापित करेगी।
राजनीति विज्ञान के दृष्टिकोण से यह एक संरचनात्मक सुधार (Institutional Reform) है, जो नागरिकों की राजनीतिक भागीदारी को संस्थागत रूप देता है।
चुनौतियां: मैदानी हकीकत बनाम नीतिगत आकांक्षा
हालांकि SIR की परिकल्पना आदर्श है, परंतु इसके क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हैं:
- ग्रामीण क्षेत्रों में BLOs की कमी और असमान प्रशिक्षण स्तर।
- तकनीकी सीमाएं, विशेषकर इंटरनेट की अनुपलब्धता या डिजिटल साक्षरता की कमी।
- राजनीतिक हस्तक्षेप और स्थानीय दबाव जो निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं।
- डेटा गोपनीयता से जुड़ी चिंताएं — विशेषकर जब आधार या अन्य पहचान प्रणालियों का उपयोग किया जा रहा हो।
नीतिगत सुझाव
- जागरूकता अभियान: युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं में मतदाता सूची संशोधन के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु मीडिया और शिक्षा संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
- तकनीकी सहयोग: मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
- सामुदायिक साझेदारी: NGOs और स्थानीय निकायों के सहयोग से सामूहिक सत्यापन कार्यक्रम चलाए जाएं।
- डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल: निर्वाचन आयोग को साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ मिलकर डेटा गोपनीयता नीति सुदृढ़ करनी चाहिए।
निष्कर्ष
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन संशोधन (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा, भारतीय लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में एक सार्थक और ऐतिहासिक पहल है। यह केवल मतदाता सूची का अद्यतन नहीं, बल्कि “लोकतंत्र में विश्वास का पुनर्नवीनीकरण” है।
यह पहल नए मतदाताओं को जोड़ने, पारदर्शिता बढ़ाने, और चुनावी प्रक्रिया में नागरिकों की सक्रिय भूमिका को प्रोत्साहित करने में सहायक होगी।
एक सटीक और समावेशी मतदाता सूची, न केवल चुनावों की विश्वसनीयता का प्रतीक है, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक आत्मा का दर्पण भी है।
स्रोत एवं संदर्भ:
- भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति, दिनांक 27 अक्टूबर 2025।
- “Special Summary & Intensive Revision Guidelines”, Election Commission of India, 2025।
- राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) एवं Voter Helpline App डेटा अपडेट।
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