करंट अफेयर्स में छिपे UPSC मेन्स के संभावित प्रश्न प्रस्तावना UPSC सिविल सेवा परीक्षा केवल तथ्यों का संग्रह नहीं है, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की क्षमता की परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) तथ्यों और अवधारणाओं पर केंद्रित होती है, लेकिन मुख्य परीक्षा (Mains) विश्लेषणात्मक क्षमता, उत्तर लेखन कौशल और समसामयिक घटनाओं की समझ को परखती है। यही कारण है कि करंट अफेयर्स UPSC मेन्स की आत्मा माने जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि UPSC सीधे समाचारों से प्रश्न नहीं पूछता, बल्कि घटनाओं के पीछे छिपे गहरे मुद्दों, नीतिगत पहलुओं और नैतिक दुविधाओं को प्रश्न में बदल देता है। उदाहरण के लिए, अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, तो UPSC प्रश्न पूछ सकता है — “भारत की जलवायु नीति घरेलू प्राथमिकताओं और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करती है?” यानी, हर करंट इवेंट UPSC मेन्स के लिए एक संभावित प्रश्न छुपाए बैठा है। इस लेख में हम देखेंगे कि हाल के करंट अफेयर्स किन-किन तरीकों से UPSC मेन्स के प्रश्न बन सकते हैं, और विद्यार्थी इन्हें कैसे अपनी तै...
एलन मस्क–निखिल कामत संवाद: तकनीक, भविष्य और वैश्विक प्रतिभा पर एक समसामयिक शैक्षणिक विवेचन भारतीय उद्यमी निखिल कामत और एलन मस्क के बीच हुए WTF पॉडकास्ट संवाद को मात्र लोकप्रिय संस्कृति की घटना कहना इसके महत्व को सीमित कर देना होगा। यह वार्ता—जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लेकर वैश्विक प्रतिभा नीति, मानव सभ्यता के दीर्घकालिक भविष्य और निवेश दर्शन तक अनेक विषय समाहित हैं—इक्कीसवीं सदी के तकनीकी-सामाजिक विमर्श को समझने का महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुकी है। यह लेख संवाद में उभरते पाँच प्रमुख विचारों का शैक्षणिक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। 1. “Evil AI” का खतरा और नियंत्रण की नैतिक-दार्शनिक चुनौती मस्क ने पुनः चेताया कि अनियंत्रित, अस्पष्ट अथवा दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य वाले AI सिस्टम मानवता के लिए अस्तित्वगत जोखिम उत्पन्न कर सकते हैं। उनकी यह चिंता किसी व्यक्तिगत भय का प्रतिबिंब नहीं, बल्कि आधुनिक AI दर्शन में लंबे समय से चल रही बहस—विशेषतः “alignment” और “control problem”—को पुनर्जीवित करती है। मस्क की यह दलील कि AI का प्राथमिक उद्देश्य “सत्य खोज” होना चाहिए, समकालीन तकनीकी संस्थानों के व्या...