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Adi Shankaracharya: The Eternal Light of Indian Intellectual Tradition

 आदि शंकराचार्य: भारतीय चेतना के चिरस्थायी प्रकाश भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरती पर कुछ ही ऐसे महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने समय की धारा को मोड़ा और युगों तक प्रेरणा दी। आदि शंकराचार्य उनमें से एक हैं – एक ऐसी ज्योति, जिसने 8वीं शताब्दी में भारतीय बौद्धिक और आध्यात्मिक जगत को नया जीवन दिया। केरल के छोटे से कालड़ी गाँव में जन्मे इस युवा सन्यासी ने न केवल वेदों के गूढ़ ज्ञान को सरल बनाया, बल्कि उसे घर-घर तक पहुँचाकर भारत को एक सूत्र में बाँध दिया। एक युग का संकट और शंकर का उदय उस समय भारत एक बौद्धिक और धार्मिक उथल-पुथल से गुजर रहा था। अंधविश्वास, पंथों की भीड़ और बौद्ध धर्म के प्रभुत्व ने वैदिक परंपराओं को धूमिल कर दिया था। लोग सत्य की खोज में भटक रहे थे। ऐसे में शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत का झंडा उठाया और कहा – "सत्य एक है, बाकी सब माया है।" उनका यह संदेश सिर्फ दर्शन नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक नया तरीका था। "अहं ब्रह्मास्मि" – मैं ही ब्रह्म हूँ शंकराचार्य का अद्वैत वेदांत सरल लेकिन गहरा है। वे कहते थे कि आत्मा और ब्रह्म में कोई अंतर नहीं। हमारी आँखों के सामने ...

Fight Against Obesity: Prime Minister Modi’s Initiative and Our Responsibility

मोटापे के खिलाफ जंग: प्रधानमंत्री मोदी की पहल और हमारी जिम्मेदारी

भूमिका

मोटापा (Obesity) आज वैश्विक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है, और भारत में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस मुद्दे पर चर्चा की और इसे रोकने के लिए जनभागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मोटापे के खिलाफ एक राष्ट्रीय अभियान की घोषणा की और समाज की प्रतिष्ठित हस्तियों को इस मुहिम से जोड़ने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का उद्देश्य केवल एक स्वास्थ्य अभियान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत को एक स्वस्थ और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह लेख मोटापे के बढ़ते खतरे, इसके दुष्प्रभावों और मोदी सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालेगा।

Fight Against Obesity: Prime Minister Modi’s Initiative and Our Responsibility
मोटापा: एक गंभीर समस्या

मोटापा केवल एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक चुनौती भी बन चुका है। खराब खान-पान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और बदलती जीवनशैली के कारण भारत में मोटापा तेजी से फैल रहा है। विशेषकर शहरी क्षेत्रों में, जंक फूड और निष्क्रिय जीवनशैली ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।

मोटापे के कारण

1. अस्वास्थ्यकर भोजन: 

अधिक तला-भुना, मीठा और प्रोसेस्ड फूड खाने की प्रवृत्ति।

2. शारीरिक गतिविधि की कमी: 

वर्क-फ्रॉम-होम और डिजिटल स्क्रीन पर बढ़ती निर्भरता।

3. तनाव और मानसिक स्वास्थ्य: 

स्ट्रेस ईटिंग (Stress Eating) और भावनात्मक रूप से खाने की आदतें।

4. नींद की कमी: 

अनियमित दिनचर्या और पर्याप्त नींद न लेना।

5. हार्मोनल असंतुलन:

 थायरॉइड, इंसुलिन प्रतिरोध और अन्य चिकित्सकीय स्थितियाँ।

प्रधानमंत्री मोदी की पहल के और भी राष्ट्रीय स्तर के अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोटापे को राष्ट्रीय स्तर पर एक गंभीर मुद्दा बताते हुए इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस अभियान के तहत देश की प्रतिष्ठित हस्तियों को मोटापा जागरूकता अभियान में शामिल किया, ताकि वे आम जनता को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर सकें।

मोदी सरकार की पहलें और नीतियाँ

1. ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ (2019):

इस अभियान के तहत नागरिकों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए प्रेरित किया गया।

स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों में फिटनेस चैलेंज आयोजित किए गए।

2. ‘ईट राइट इंडिया’ (Eat Right India):

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा हेल्दी फूड की दिशा में उठाया गया कदम।

जंक फूड के उपभोग को कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया गया।

3. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY):

इस योजना के तहत, गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases) के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं, जिससे मोटापे से जुड़ी बीमारियों का इलाज संभव हो सके।

4. स्कूल हेल्थ प्रोग्राम:

स्कूलों में पोषण और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए।

बच्चों में बचपन से ही स्वस्थ आदतें विकसित करने पर जोर दिया गया।

5. सार्वजनिक भागीदारी:

प्रधानमंत्री ने समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को नामांकित किया, ताकि वे अपने प्रभाव से अधिक से अधिक लोगों को इस मुहिम से जोड़ सकें।

उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए संकल्प लें और अपने परिवार व दोस्तों को भी प्रेरित करें।

हमारी जिम्मेदारी: क्या कर सकते हैं हम?

प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल को सफल बनाने के लिए केवल सरकार के प्रयास पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाकर इसे एक जनांदोलन का रूप दे।

व्यक्तिगत स्तर पर किए जाने वाले प्रयास

1. स्वस्थ आहार अपनाएँ:

 घर का बना पौष्टिक भोजन खाएँ और जंक फूड से बचें।

2. नियमित व्यायाम करें: 

कम से कम 30-45 मिनट की शारीरिक गतिविधि को दिनचर्या में शामिल करें।

3. तनाव प्रबंधन करें: 

योग और ध्यान (Meditation) को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएँ।

4. पर्याप्त नींद लें: 

कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।


5. जागरूकता फैलाएँ:

 अपने परिवार और मित्रों को इस विषय में शिक्षित करें और उन्हें प्रेरित करें।

सामुदायिक स्तर पर प्रयास

1. विद्यालयों और कॉलेजों में हेल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम चलाएँ।

2. कार्यस्थलों पर फिटनेस चैलेंज आयोजित करें।
3. स्थानीय संगठनों और एनजीओ के माध्यम से समुदाय में जागरूकता फैलाएँ।
4. खेलकूद और योग को बढ़ावा दें, ताकि बच्चों और युवाओं में फिटनेस की आदत विकसित हो।

मोटापे से लड़ाई: आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण

मोटापा केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि यह देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी प्रभावित करता है।

स्वास्थ्य देखभाल का बढ़ता खर्च:

 मोटापे से जुड़ी बीमारियों के इलाज पर सरकार और आम जनता का खर्च बढ़ रहा है।

उत्पादकता में कमी: 

शारीरिक रूप से अयोग्य व्यक्ति कार्यक्षमता में पिछड़ जाते हैं, जिससे राष्ट्रीय विकास पर असर पड़ता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: 

मोटे व्यक्तियों को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका आत्मविश्वास कम होता है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किया गया यह मोटापा जागरूकता अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसकी सफलता तभी संभव होगी जब हर नागरिक इसे अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझे और सक्रिय भागीदारी निभाए।

अगर हम स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने और दूसरों को भी प्रेरित करने का संकल्प लें, तो यह अभियान सिर्फ एक सरकारी पहल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एक सशक्त जन आंदोलन का रूप ले लेगा। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा, बल्कि भारत को एक फिट और स्वस्थ राष्ट्र बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

आइए, हम सभी इस मिशन में शामिल हों और ‘फिट इंडिया’ के सपने को साकार करें!


 

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✍️ARVIND SINGH PK REWA

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